Multinational Company
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बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ (Multinational Company) : परिभाषा, प्रकार, विशेषताएँ और कार्यप्रणाली

(Multinational Company) दोस्तों, आज के समय में हम देश में Google जैसी विदेशी कंपनियाँ और Bajaj जैसी देशी कंपनियाँ देख सकते हैं, जो अपने-अपने क्षेत्र में ना केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में काफी प्रसिद्ध और लोकप्रिय मानी जाती हैं।

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अगर हम किसी भी कंपनी को बहुराष्ट्रीय कंपनी (Multinational Corporation) का दर्जा देने की बात करें, तो इसके लिए कई महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है। आजकल कंपनियाँ जैसे Microsoft, Apple, Motorola, और IBM को बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ माना जाता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि इन कंपनियों में ऐसा क्या खास है जो इन्हें बाकी कंपनियों से अलग और प्रमुख बनाता है?

तो दोस्तों, इस लेख में हम जानेंगे कि बहुराष्ट्रीय कंपनी किसे कहते हैं? कौन-कौन सी कंपनियाँ बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ हैं? और इसके साथ-साथ हम बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बारे में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी बेहद सरल और समझने योग्य भाषा में प्राप्त करेंगे। बस, आप इस लेख को अंत तक पढ़ें और अपने सारे सवालों का जवाब पाएं।

Table of Contents

बहुराष्ट्रीय कंपनी की परिभाषा: किसे कहते हैं बहुराष्ट्रीय कंपनी?

बहुराष्ट्रीय कंपनी (Multinational Company) की परिभाषा

बहुराष्ट्रीय कंपनी एक ऐसी कंपनी होती है जो एक से अधिक देशों में अपने कार्यालय, सहायक कंपनियाँ, संपत्तियाँ और सेवा-सुविधाएँ स्थापित करती है। इन सभी देशों में स्थित कार्यालयों और संपत्तियों पर कंपनी के गृह देश के मुख्य कार्यालय का नियंत्रण होता है। आमतौर पर, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कार्यालय और विनिर्माण संयंत्र विश्वभर में फैले होते हैं, जिससे वे विभिन्न देशों में व्यापार करती हैं और अपने उत्पादों और सेवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करती हैं।

इस तरह की कंपनियों या निगमों को आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ या अंतरराष्ट्रीय निगम कहा जाता है। किसी भी कंपनी को बहुराष्ट्रीय स्तर का दर्जा प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक होता है कि कंपनी के पास कम से कम एक अन्य देश में अपना कार्यालय या संपत्ति हो।

Google, Honda, Bajaj, Walmart जैसे कंपनियाँ इसके प्रमुख उदाहरण हैं, जो न केवल अपने गृह देश में, बल्कि विश्वभर में अपने कार्यालय और विनिर्माण संयंत्रों के माध्यम से व्यापार करती हैं।

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बहुराष्ट्रीय कंपनी की प्रमुख विशेषताएँ

किसी भी देश की बहुराष्ट्रीय कंपनी अन्य देशों में अपने मूल कंपनी, सहायक कंपनियों, या साझीदार कंपनियों के माध्यम से विभिन्न देशों के बाजारों में स्थानिक कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करती है, या विदेशी बाजारों में अपनी मोनोपोली बनाने की क्षमता रखती है। इस प्रकार की कंपनियों में कई विशेषताएँ पाई जाती हैं, जो उन्हें बहुराष्ट्रीय कंपनी बनाती हैं।

अन्य देशों में प्रौद्योगिकी और ज्ञान का हस्तांतरण

किसी भी बहुराष्ट्रीय कंपनी का अन्य देशों में संचालन कई फायदे लेकर आता है। ऐसी कंपनियाँ अपनी खोज, तकनीक, सेवाएँ और ज्ञान उन देशों में लागू करती हैं, जिससे स्थानीय बाजारों को भी इसका लाभ मिलता है।

केंद्रकृत प्रबंधन और स्थिरता

बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अपनी सेवाओं और कार्यों को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैलाने के बावजूद एक मजबूत केंद्रीकृत प्रबंधन प्रणाली को बनाए रखती हैं। इन कंपनियों द्वारा बनाई गई उत्पाद, सेवाएँ, ब्रांडिंग, विज्ञापन, और रणनीतियाँ एक समान होती हैं, जो यह दर्शाती हैं कि कंपनी के सभी निर्णय और कार्य प्रक्रियाएँ स्थिर और नियंत्रित हैं।

विभिन्न देशों में संचालन

एक बहुराष्ट्रीय कंपनी विभिन्न देशों में अपने व्यापार, निवेश, और उत्पादन कार्यों में सक्रिय रहती है। अपनी तकनीक और ज्ञान के साथ-साथ, ये कंपनियाँ अन्य देशों की तकनीकी प्रगति और संसाधनों का लाभ उठाती हैं, जिससे न केवल कंपनी को, बल्कि संबंधित देशों को भी आर्थिक रूप से सहायता मिलती है।

वैश्वीकरण

बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ वैश्वीकरण को बढ़ावा देती हैं और देशों के बीच आर्थिक एकीकरण को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इससे विकासशील और विकसित देशों को आर्थिक रूप से मदद मिलती है, और वैश्विक स्तर पर व्यापारिक सहयोग और आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है।

मुख्य प्रकार: बहुराष्ट्रीय निगम

आज दुनिया भर में हज़ारों बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ सक्रिय हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों में अग्रणी हैं। इन कंपनियों का आकार, कार्य करने का तरीका, भौगोलिक स्थिति, और अन्य कारणों के आधार पर इन्हें मुख्य रूप से चार प्रकारों में विभाजित किया गया है।

बहुराष्ट्रीय कंपनी के कुछ साधारण चार प्रकार:

1) केन्द्रीकृत निगम/कंपनी

इस प्रकार की बहुराष्ट्रीय कंपनी का एक प्रधान मुख्य कार्यालय (मुख्यालय) होता है, जो अपने देश में स्थित होता है, और इसमें एक मजबूत प्रबंधक टीम होती है, जिसमें मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होते हैं।
एक केंद्रीकृत वैश्विक कंपनी आमतौर पर अपने विदेशी संसाधनों को लाने की बजाय उपलब्ध स्थानीय संसाधनों और सामग्री को सस्ते में खरीदकर अपने राजस्व को बढ़ाती है। यहां, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर नियंत्रण मुख्यालय और प्रबंधक टीम द्वारा किया जाता है, जो सभी वैश्विक परिचालनों की देखरेख करते हैं।

2) विकेन्द्रीकृत निगम/कंपनी

इस प्रकार की बहुराष्ट्रीय कंपनियों के विदेशों में एक या एक से अधिक कार्यालय, सुविधाएँ, और संपत्तियाँ हो सकती हैं। हालांकि, इन कंपनियों के महत्वपूर्ण निर्णय और शक्तिशाली उपस्थिति आमतौर पर अपने गृह देश में होती है।
किसी विकेन्द्रीकृत कंपनी का केंद्रीय मुख्यालय नहीं होता है। इसकी शाखाएँ और कार्यालय विभिन्न देशों में अपने-अपने भौगोलिक और कानूनी संदर्भों के आधार पर कार्य करती हैं, और अपने व्यवसाय को स्थानीय रूप से संचालित करती हैं।

3) ट्रांसनेशनल एंटरप्राइज/उद्यम

यह प्रकार की बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ मूल कंपनी और सहायक कंपनियों (Parent Company – Subsidiaries) के संरचना से बनी होती हैं। मूल कंपनी विभिन्न देशों में अपने एक ही या विभिन्न व्यवसायों के लिए अलग-अलग सहायक कंपनियाँ स्थापित करती है। इन सभी सहायक कंपनियों पर मूल कंपनी का नियंत्रण होता है।
सहायक कंपनियाँ अपने मूल कंपनी की संपत्ति, संसाधन, और अन्य सेवाओं का उपयोग अपने व्यापार को बढ़ाने और विस्तार के लिए करती हैं।
उदाहरण के तौर पर, भारत में मोबाइल कंपनियों जैसे Vivo की सहायक कंपनी IQOO और Xiaomi की सहायक कंपनी Poco देखने को मिलती है।

4) अंतर्राष्ट्रीय कंपनी का प्रभाग

यह किसी कंपनी का प्रकार नहीं होता, बल्कि यह एक संरचना है, जहां एक कंपनी अपने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को अलग-अलग करके स्वतंत्र रूप से संचालित करती है।
इस प्रकार की कंपनी अपने अंतरराष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित और प्रबंधित करने के लिए एक अलग अंतर्राष्ट्रीय प्रभाग बनाती है, जो विशेष रूप से विदेशों में होने वाले व्यापार को देखता है और उसका संचालन करता है।

बहुराष्ट्रीय कंपनी होने के फायदे

किसी भी देश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों का होना उस देश की अर्थव्यवस्था, लोगों, रोजगार और विकास के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ये कंपनियाँ न केवल स्थानीय, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी कई महत्वपूर्ण लाभ देती हैं, जिनका मानवता और दुनिया भर में प्रभाव पड़ता है।

1. रोजगार निर्माण

बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ स्थानीय और वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करती हैं। इन कंपनियों से विदेशों में विदेशी मुद्रा की आवक होती है, जिससे विकासशील और अविकसित देशों की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलती है।

2. कम श्रम लागत

ज्यादातर बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अपने उत्पादन संयंत्रों को कम लागत वाले देशों में स्थापित करती हैं। इससे उत्पादित सेवाओं और वस्तुओं की लागत कम होती है, और इसके कारण अच्छे गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं की कीमत घरेलू कंपनियों के मुकाबले अधिक किफायती होती है।

3. तकनीकी विकास में वृद्धि

बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ वैश्विक स्तर पर काम करने के लिए एक मजबूत शोध और विकास (R&D) विभाग रखती हैं, जो नई तकनीकों को खोजकर उन्हें अपने व्यापार में लागू करती हैं। ये तकनीकें और विकास दूसरे देशों में हस्तांतरित होते हैं, जिससे स्थानीय उद्योगों, व्यापारों और अन्य क्षेत्रों में प्रगति और विकास देखने को मिलता है।

4. मजबूत दक्षता (Efficiency)

अपने मजबूत संचालन और दक्षता के कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ आसानी से अपने लक्षित बाजारों तक पहुंचने में सक्षम होती हैं। वे आसानी से कच्चे माल, तकनीकी संसाधन और श्रम शक्ति हासिल कर पाती हैं, और कम समय में अपने उत्पादों और सेवाओं को बाजार में उतार देती हैं, जो घरेलू कंपनियों के लिए मुश्किल होता है।

5. विभिन्न व्यापार और क्षेत्रों में विस्तार

बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किसी एक देश या एक व्यापार क्षेत्र तक सीमित नहीं रहतीं। वे विभिन्न देशों और व्यापार क्षेत्रों में विस्तार करती हैं, जिससे विभिन्न बाजारों में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है और स्थानीय नागरिकों को एक ही कंपनी की मोनोपोली का सामना नहीं करना पड़ता। इस प्रतिस्पर्धा के कारण उपभोक्ताओं को बेहतर उत्पाद और सेवाएँ मिलती हैं।

बहुराष्ट्रीय कंपनी होने के नुकसान

हालाँकि बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ विभिन्न देशों में रोजगार सृजन करती हैं और देशों को आर्थिक मदद प्रदान करती हैं, लेकिन इन कंपनियों का स्थानीय उद्योग और व्यापार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ये कंपनियाँ अपनी अपार आर्थिक ताकत का उपयोग करके स्थानीय उद्योगों को पीछे छोड़ देती हैं, और अपनी मोनोपोली स्थापित कर लेती हैं, जिससे लोग स्थानीय उद्योगों के बजाय बाहरी कंपनियों पर निर्भर हो जाते हैं।

1. स्थानीय उद्योग पर दबाव

बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अपनी विशालता और संसाधनों के बल पर स्थानीय उद्योगों को पीछे धकेल देती हैं। इससे घरेलू कंपनियाँ प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाती हैं और स्थानीय उद्योगों को अपनी पहचान बनाने में कठिनाई होती है। इसके कारण स्थानीय लोग अक्सर बाहरी कंपनियों के उत्पादों पर निर्भर हो जाते हैं, जबकि उनका खुद का उद्योग संकट में होता है।

2. भिन्न-भिन्न देशों के कानून और राजनैतिक स्थितियाँ

बहुराष्ट्रीय कंपनियों को विभिन्न देशों में काम करना होता है, जहाँ हर देश के अलग-अलग कानून, राजनीतिक स्थिति, और भौगोलिक परिस्थितियाँ होती हैं। इसका मतलब है कि इन कंपनियों को इन देशों के सरकारों, स्थानीय नियमों और भौगोलिक स्थितियों से तालमेल बिठाना पड़ता है। कभी-कभी, इन कारणों से कंपनियों को अपना संचालन बंद करने या देश छोड़ने का निर्णय लेना पड़ता है।

3. उच्च कर और टैक्स शुल्क

कई बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए देशों में बड़े निर्माण संयंत्र स्थापित करती हैं, और कच्चे माल की आयात भी करती हैं। प्रत्येक देश के अपने टैक्स नियम होते हैं, और कभी-कभी कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पादों तक पर अलग-अलग टैक्स लगाए जाते हैं। इससे उत्पादों की कीमत बढ़ जाती है, और कंपनियों को उतना लाभ नहीं मिल पाता, जितना वे अपेक्षाएं करती हैं।

4. प्राकृतिक संसाधनों की अत्यधिक दोहन

बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अपने उत्पादों के लिए बड़े पैमाने पर प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करती हैं, जो उनके निर्माण संयंत्रों में खनन के रूप में होता है। इससे स्थानीय संसाधनों की कमी हो सकती है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है। प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग लंबे समय में देश के पर्यावरण और आर्थिक तंत्र के लिए हानिकारक हो सकता है।

5. पारंपरिक व्यापार और कलाकारी का नुकसान

बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अपनी नई-नई खोजों और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके बड़े पैमाने पर उत्पादन करती हैं, जो पारंपरिक उद्योगों और कारीगरों के लिए प्रतिस्पर्धा का कारण बनता है। इसके परिणामस्वरूप, देश की पारंपरिक कला और शिल्प लुप्त हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ मशीनों द्वारा बड़े पैमाने पर उत्पादों का निर्माण करती हैं, तो स्थानीय कारीगरों को उनका मुकाबला करना मुश्किल हो जाता है, जिससे उनकी पारंपरिक कला खत्म हो सकती है।

निष्कर्ष:

हालाँकि बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ कई प्रकार से लाभ प्रदान करती हैं, लेकिन इनके संचालन से स्थानीय उद्योगों, संसाधनों और पारंपरिक कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इन कंपनियों के प्रभाव को संतुलित करने के लिए देशों को उचित नीति और नियमों की आवश्यकता होती है, ताकि उनके संचालन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को नुकसान न पहुंचे।

वर्तमान में सबसे ज्यादा बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ वाले देश

आजकल, दुनिया में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ केवल विकसित देशों तक ही सीमित नहीं हैं। विभिन्न देशों से बहुत सी ऐसी कंपनियाँ उभर रही हैं जो बड़ी वैश्विक कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही हैं और अपने व्यापार को मजबूत कर रही हैं।

यहाँ मैं आपको सबसे ज्यादा बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ होने वाले शीर्ष देशों की सूची दे रहा हूँ:

रैंकदेशकंपनियाँ की संख्या
1संयुक्त राज्य अमेरिका1700
2चीन1272
3जापान615
4यूनाइटेड किंगडम313
5ऑस्ट्रेलिया189
6कनाडा170
7भारत169
8ताइवान136
9दक्षिण कोरिया112
10फ्रांस108

यह सूची दर्शाती है कि किस प्रकार विभिन्न देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ फैली हुई हैं, और कैसे ये देश वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

भारत की शीर्ष बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ (2024)

भारत में कई ऐसी कंपनियाँ हैं जो अपने व्यापार और सेवाओं के कारण न केवल देश में बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत में कई बड़ी कंपनियाँ उभरी हैं, जो अपनी गुणवत्ता और नवाचार के कारण वैश्विक स्तर पर पहचान बना रही हैं।

यहाँ भारत की कुछ शीर्ष बहुराष्ट्रीय कंपनियों की सूची दी गई है:

  1. रिलायंस इंडस्ट्रीज
  2. टाटा ग्रुप
  3. आदित्य बिरला ग्रुप
  4. इनफोसिस
  5. HCL टेक्नोलॉजी
  6. बजाज समूह
  7. भारती एयरटेल
  8. विप्रो
  9. हीरो मोटोकॉर्प

इन कंपनियों ने न केवल भारत में बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपनी उपस्थिति दर्ज की है और विभिन्न उद्योगों में अग्रणी भूमिका निभाई है।

दुनिया की सबसे बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ (2024)

आज के समय में टेक्नोलॉजी आधारित बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ न केवल विशाल हैं, बल्कि इनका प्रभाव पूरी दुनिया में फैला हुआ है। ये कंपनियाँ न केवल प्रौद्योगिकी, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी काम कर रही हैं और लगभग 100 से ज्यादा देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज कर चुकी हैं। इन कंपनियों का मूल्य कई देशों की जीडीपी से भी अधिक हो सकता है।

यहाँ 2024 में दुनिया की सबसे बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की सूची दी जा रही है:

  1. वॉलमार्ट
  2. एमाज़ॉन
  3. ऐप्पल
  4. गूगल (Alphabet)
  5. माइक्रोसॉफ्ट
  6. मेटा (Facebook, Instagram, WhatsApp)
  7. BBK इलेक्ट्रॉनिक्स (Oppo, Vivo, OnePlus)
  8. कोका-कोला
  9. नेस्ले
  10. सैमसंग
  11. चाइना नॅशनल पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (CNPC)

ये कंपनियाँ न केवल अपनी तकनीकी नवाचार और उत्पादों के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी सामर्थ्य, व्यापार विस्तार और आर्थिक प्रभाव के कारण दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे मूल्यवान कंपनियाँ मानी जाती हैं। इनके उत्पाद और सेवाएं दुनिया भर में उपयोग की जाती हैं, और इनकी मार्केट वैल्यू लगातार बढ़ती रहती है।

मेरे अंतिम शब्द

किसी भी बहुराष्ट्रीय कंपनी का होना सिर्फ उस कंपनी के लिए ही फायदेमंद नहीं होता, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए लाभकारी साबित होता है। इन कंपनियों के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा होते हैं, जिससे लोगों को काम मिलता है। ये कंपनियाँ किफायती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद और सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं, जिसका सीधा फायदा ग्राहकों को होता है। इसके अलावा, विभिन्न देशों में व्यापार करने की वजह से इन कंपनियों का प्रभाव उस देश की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक रूप से पड़ता है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।

दोस्तों, अब आपको यह समझ में आ गया होगा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ क्या होती हैं, ये कैसे काम करती हैं, और इसके फायदे और नुकसान क्या हैं। अगर आपको मेरा यह लेख पसंद आया हो या फिर आपका कोई सवाल या सुझाव हो, तो कृपया मुझे कमेंट के माध्यम से बताएं।

धन्यवाद!
जय हिंद!

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