अगर आपसे पूछा जाए कि किसी मोबाइल, कार, या कंप्यूटर कंपनी का नाम बताइए, तो आपके मन में तुरंत बहुत सारे नाम आ जाएंगे। लेकिन अगर किसी दवा बनाने वाली कंपनी का नाम पूछा जाए, तो शायद सोचने में वक्त लगे। इसी संदर्भ में मैं एक प्रमुख भारतीय दवा कंपनी के बारे में बताना चाहता हूँ, जिसका नाम है सिप्ला (Cipla Limited)।
सिप्ला, भारत की तीसरी सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनी है और इसे गरीबों के लिए किफायती दवाएं उपलब्ध कराने में अहम योगदान के लिए जाना जाता है। सिप्ला ने न सिर्फ भारतीय बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महामारी के समय लोगों की मदद की है।
आज के इस लेख में हम सिप्ला कंपनी की विस्तार से जानकारी देंगे, जिसमें जानेंगे कि यह कंपनी कहां की है, किसने इसे स्थापित किया और किस प्रकार यह स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नाम बन गई है।

भारत की बहुराष्ट्रीय कंपनी Cipla Limited का स्थापना 1935 में
ख्वाजा अब्दुल हामिद ने की थी। वे एक रसायन वैज्ञानिक और स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने महात्मा गांधी जी के असहयोग आंदोलन से प्रेरित होकर “Chemical, Industrial and Pharmaceutical Laboratories” नामक संस्था की स्थापना की थी। उनका मुख्य उद्देश्य स्वदेशी दवाइयाँ बनाना था, और 1937 में कंपनी ने दवाइयों का उत्पादन शुरू किया। बाद में 1984 में कंपनी का नाम बदलकर Cipla रख लिया गया।
आज Cipla की उत्पादन इकाइयाँ 57 देशों में स्थित हैं, और कंपनी द्वारा निर्मित दवाइयाँ 86 देशों में वितरित की जाती हैं।
Cipla के संस्थापक ख्वाजा अब्दुल हामिद ने
अपनी प्रारंभिक शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी और फिर जर्मनी में एमए और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। वे एक विज्ञान के जानकार होने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सक्रिय सदस्य थे। उनका कार्य भारतीय दवा उद्योग में एक ऐतिहासिक योगदान है। 1972 में उनका निधन हुआ, लेकिन उनके योगदान से Cipla आज भी दवा उद्योग में अग्रणी है।
Cipla मुख्य रूप से हृदय रोग, मधुमेह, अवसाद,
श्वसन रोग, गठिया, बाल रोग, HIV/AIDS, हेपेटाइटिस, संक्रामक रोग, गंभीर देखभाल, न्यूरोलॉजिकल, नेत्र संबंधित रोग, कैंसर, मलेरिया आदि जैसी विभिन्न चिकित्सा स्थितियों के इलाज के लिए दवाइयाँ बनाती है। इसके साथ ही, Cipla महँगी दवाइयाँ, सस्ती जेनेरिक दवाइयाँ और फार्मास्युटिकल सामग्री (API) का निर्माण और वितरण करती है।
Cipla सिर्फ दवाइयाँ ही नहीं,
बल्कि कंज्यूमर हेल्थकेयर और बायोसिमिलर जैसी श्रेणियों में भी काम करती है। इसके अलावा, कंपनी मीटर्ड-डोज़ इनहेलर डिवाइस, स्पेसर और अन्य संबंधित उपकरण भी बड़े पैमाने पर बनाती है।
यहां Cipla Limited की कंपनी प्रोफाइल को एक टेबल के रूप में प्रस्तुत किया गया है:
विवरण | जानकारी |
---|---|
स्थापना वर्ष | 1935 |
मुख्य सदस्य | ख्वाजा अब्दुल हामिद (संस्थापक) |
युसूफ ख्वाजा हमीद (चैयरपर्सन) | |
उमंग व्होरा (सीईओ) | |
मुख्यालय | महाराष्ट्र, मुंबई |
कंपनी प्रकार | फार्मास्यूटिकल्स |
सदस्य संख्या | 22000-23000 |
सब्सिडरी | InvaGen Pharmaceuticals |
होम पेज | https://www.cipla.com/ |
क्या Cipla कंपनी बिक रही है?
हालांकि अभी तक Cipla कंपनी नहीं बिकी है, लेकिन खबरों के अनुसार, यह बिकने जा सकती है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि Cipla के चेयरपर्सन और नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, सामिया हमीद, कंपनी को बेच सकती हैं।
सूत्रों के मुताबिक, दुनिया की सबसे बड़ी निजी इक्विटी फर्म, Blackstone, Cipla को खरीदने में रुचि रख सकती है।
Cipla के संस्थापक ख्वाजा अब्दुल हामिद के परिवार ने कंपनी में अपनी 33.47% हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। हालांकि, इस फैसले के पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि ख्वाजा अब्दुल हामिद के निधन के बाद, उनकी विरासत को संभालने वाले उनके बेटे, युसूफ हामिद, अब 80 साल के हो चुके हैं। साथ ही, कंपनी में कोई स्पष्ट उत्तराधिकारी न होने के कारण, हामिद परिवार अपने शेयर बेचने का विचार कर सकता है।
2015 में कंपनी की जिम्मेदारी युसूफ हामिद की भतीजी, सामिया हमीद को सौंप दी गई थी, जो अब कंपनी में नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।
कंपनी के बिकने की खबरों के चलते, Cipla के शेयरों में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। वर्तमान में कंपनी का शेयर ₹1420 के आस-पास है, और पिछले एक साल में इसके शेयर में 20% से 25% का उछाल भी देखा गया है।
मुंबई से वैश्विक स्तर पर Cipla की उड़ान
Cipla की स्थापना साल 1935 में ख्वाजा अब्दुल हामिद द्वारा “द केमिकल, इंडस्ट्रियल एंड फार्मास्युटिकल लेबोरेटरीज” के रूप में की गई थी।
- 1937: Cipla ने दवाइयों का उत्पादन शुरू किया।
- 1939: दूसरे विश्व युद्ध के दौरान महात्मा गांधी जी ने Cipla के प्लांट का दौरा किया और ख्वाजा अब्दुल हामिद को भारतीय जनता के लिए दवाइयाँ बनाने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान Cipla ने विदेशी दवाइयों की बजाय स्वदेशी दवाइयाँ बनाने पर ध्यान केंद्रित किया।
- 1970: Cipla ने भारत में न्यू पैटेंट कानून का नेतृत्व किया, जिसने भारतीय कंपनियों को पेटेंटेड उत्पाद बनाने की अनुमति दी। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय दवा कंपनियाँ अब सस्ती दवाइयाँ बनाने में सक्षम हो गईं।
- 2005: भारत और दुनिया भर में फैली बर्ड फ्लू महामारी के दौरान Cipla ने केवल 20 दिनों में एंटी-बर्ड फ्लू वैक्सीन का उत्पादन किया। इसका बड़े पैमाने पर उपयोग अमेरिका में भी हुआ।
- 2012: Cipla ने कैंसर जैसी महंगी दवाइयों की कीमतों को कम करने में सफलता प्राप्त की, जिससे कैंसर रोगियों के लिए सुलभ और सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध हो सकीं।
Cipla का यह सफर न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी दवा निर्माण और वितरण में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
मेरे अंतिम शब्द
आज Cipla जैसी फार्मा कंपनी के कारण भारत जैसे देश में, जहां आम आदमी के लिए दवाई का खर्चा उठाना मुश्किल हो रहा है, वहां Cipla जेनेरिक दवाइयाँ और अन्य विकल्पों के जरिए लोगों को सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध करा रही है।
न केवल भारत, बल्कि अफ्रीका और अन्य गरीब देशों में होने वाली महामारियों और बीमारियों के इलाज में Cipla ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह कंपनी उन लोगों के लिए वरदान साबित हुई है, जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। मुझे ऐसी कंपनियों पर गर्व है जो केवल अपने लाभ के लिए नहीं, बल्कि समाज और आर्थिक कल्याण के लिए काम कर रही हैं।
दोस्तों, यही थी Cipla कंपनी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी। मैंने आपको बताया कि Cipla किस देश की कंपनी है, इसकी स्थापना किसने की, और Cipla के योगदान के बारे में भी जानकारी दी है।
मुझे उम्मीद है कि इस जानकारी से आपको मदद मिली होगी। यदि आपको यह लेख पसंद आया हो या आपका कोई सवाल या सुझाव हो, तो कृपया कमेंट के माध्यम से मुझसे संपर्क करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | FAQ’s
Cipla क्या काम करती है?
Cipla भारत की तीसरी सबसे बड़ी दवा बनाने वाली फार्मा कंपनी है, जो हृदय रोग, मधुमेह, अवसाद, श्वसन रोग जैसे विभिन्न रोगों के इलाज के लिए दवाइयाँ बनाती है।
सिप्ला का वर्तमान मालिक कौन है?
वर्तमान में, सिप्ला की सबसे बड़ी 33.47% हिस्सेदारी युसूफ ख्वाजा हमीद के परिवार के पास है।
सिप्ला वन इंडिया के सीईओ कौन हैं?
उमंग व्होरा 2016 से सिप्ला वन इंडिया के सीईओ पद पर कार्यरत हैं।
भारत की सबसे बड़ी दवाई बनाने वाली कंपनी कौन सी है?
Sun Pharmaceutical Industries Ltd भारत की सबसे बड़ी दवा बनाने वाली फार्मा कंपनी है।
Cipla की स्थापना कब हुई थी?
Cipla की स्थापना 1935 में ख्वाजा अब्दुल हामिद द्वारा की गई थी।
Cipla का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
Cipla का मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है।
Cipla के प्रमुख उत्पाद कौन से हैं?
Cipla हृदय रोग, मधुमेह, अवसाद, श्वसन रोग, कैंसर, HIV/AIDS, हेपेटाइटिस, और अन्य चिकित्सा स्थितियों के इलाज के लिए दवाइयाँ बनाती है। इसके अलावा, यह सस्ती जेनेरिक दवाइयाँ और बायोसिमिलर भी बनाती है।
Cipla की सब्सिडरी कंपनियाँ कौन सी हैं?
Cipla की प्रमुख सब्सिडरी कंपनियों में InvaGen Pharmaceuticals और Exelan Pharmaceuticals शामिल हैं।
Cipla के शेयर कहां लिस्टेड हैं?
Cipla के शेयर भारतीय शेयर बाजार में NSE (National Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) पर लिस्टेड हैं।
Cipla की वैश्विक उपस्थिति कहाँ-कहाँ है?
Cipla की उत्पादन इकाइयाँ 57 देशों में हैं और इसकी दवाइयाँ 86 देशों में बेची जाती हैं।
Cipla के बारे में कोई महत्वपूर्ण मील का पत्थर क्या है?
Cipla ने 2005 में बर्ड फ्लू महामारी के दौरान 20 दिनों के भीतर एंटी-बर्ड फ्लू वैक्सीन का उत्पादन किया था। इसके अलावा, 2012 में इसने कैंसर जैसी महंगी दवाइयों की कीमतें घटाकर सुलभ और सस्ती बनाई।